एनसीआर के लिए प्रस्तावित दिल्ली परिवहन विभाग की इंटरसिटी प्रीमियम बस सेवा चलाने का खाका तैयार कर लिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि 15 दिन में सरकार इस पर अंतिम फैसला ले लगी। इससे दिल्ली व एनसीआर के बीच सफर करने वाले हजारों यात्रियों को राहत मिलेगी। पहले चरण में अलग-अलग रूट पर 150 बसें चलेंगी। धीरे-धीरे बेड़े का विस्तार किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सारी योजना तैयार कर ली गई है।
इससे पहले पिछले महीने डीटीसी बोर्ड ने योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इसमें एनसीआर के 200 किलोमीटर के दायरे में इंटरसिटी प्रीमियम बसें चलाने का प्रस्ताव है। परिवहन विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि फिलहाल बस चलाने के लिए एजेंसियों से मिले आवेदन पर विचार किया जा रहा है। प्रीमियम बसों के लिए तय मानकों को पूरा करने वाली एजेंसियों को सेवा शुरू करने का मौका दिया जाएगा। पहले चरण में अलग-अलग मार्गों पर 150 बसें चलेंगी। इसके बाद चरणों में और बसें शामिल की जाएंगी। इस सेवा के शुरू होने से दिल्ली-एनसीआर के यात्रियों को आवागमन के लिए कम खर्च में आधुनिक बस की सुविधा मिलने लगेगी।
एप से होगी टिकटों की बुकिंग : सुबह के वक्त एक ही दफ्तर, शिक्षण संस्थान तक आने जाने वालों की सुविधा के लिए दिल्ली में प्रीमियम बसें शुरू की जाएंगी। इसके लिए निजी ट्रांसपोर्ट कंपनियों के साथ विचार विमर्श के बाद परिवहन विभाग ने खाका तैयार कर लिया है। जल्द ही प्रीमियम बसों के लिए नीति को कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद एलजी को स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी।
इस नीति पर आम जनता की राय लेने के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी। प्रीमियम बस सर्विस के तहत चुनिंदा जगहों से सेवा की शुरुआत होगी। इसके तहत नियत रूट पर अगर 50 या 100 लोग रोजाना आते जाते हैं तो उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए बसें चलाई जाएंगी। दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर्स (प्रीमियम बसें) योजना लागू की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक बसों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है।कम समय और किराया में कर सकेंगे सफर
लंबी दूरी के यात्रियों के लिए सुविधा और सुरक्षा के लिहाज से सभी बसें जीपीएस, सीसीटीवी, पैनिक बटन सहित दूसरी सुविधाओं से लैस होंगी। बसों के लिए डीटीसी की कई डिपो में चार्जिंग की सुविधा मुहैया की जा चुकी है। प्रीमियम बस में सामान्य बसों से अलग होंगी, इसलिए न्यूनतम टिकट से किराया थाेड़ा अधिक होगा।
केवल दक्ष चालकों का ही बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस
दिल्ली में केवल दक्ष चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बन सकेंगे। जल्द ही सभी ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक स्वचालित हो जाएंगे। लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों को सीसीटीवी कैमरे और सेंसर से होकर गुजरना पड़ेगा। थोड़ी सी चूक पर दोबारा जांच में शामिल होना पड़ेगा। लाडो सराय में टेस्ट ट्रैक को स्वचालित कर दिया गया है। करीब 50 फीसदी आवेदक मामूली चूक पर फेल हो रहे हैं। दिल्ली में रोजाना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए करीब 3 हजार आवेदन आते हैं।
वीडियो बताएगा कहां हुईं गललियां : सरकार की तरह से आवेदकों को राहत देने के लिए वीडियो लिंक साझा किया जाएगा,लेकिन नियमों में ढील नहीं दी जाएगी। लाइसेंस केवल उन आवेदकों के ही बन सकेंगे जिन्हें ड्राइविंग की बारीकियों का पता है। परिवहन विभाग के मुताबिक दक्ष चालकों के ही ड्राइविंग लाइसेंस बनने से सड़क पर दुर्घटनाओं की आशंका कम रहेगी। जल्द ही सभी टेस्ट ट्रैक पर स्वचालित प्रणाली से ही आवेदकों को गुजरना पड़ेगा।
नहीं चलेगी सिफारिश
फिलहाल दिल्ली में टेस्ट ट्रैक स्वचालित हैं। इसमें द्वारका सेक्टर-22, राजा गार्डन, रोहिणी सेक्टर-28, शकूर बस्ती, मयूर विहार, बुराड़ी में दो इकाइयां हैं, जबकि हरि नगर, लोनी रोड, झारौदा कलां, सराय कालें खां और विश्वास नगर में हैं। लाडो सराय में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए स्वचालित प्रणाली के शुरू होने से लाइसेंसिंग की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो जाएगी।