कहते हैं अगर इंसान सच्चे दिल से कुछ चाहे उसे हासिल कर कर ही रहता है,और जब बात हो बचपन के और कोमल मन की तो उस समय एक बच्चे के मन में जो उम्मीद बन जाती है, उसके दिमाग में बैठ जाती है तो इस सपने को पूरा करने के लिए जी जान लगा देता है. यह कहानी भी एक ऐसी ही बच्ची की है जिसने केवल 8 साल की उम्र में पुलिस वाले को वर्दी पहने हुए देखा था और उस दिन ही मन में ठान लिया था कि वह भी एक दिन ऐसी ही वर्दी पहने गी, अपने सपने को कभी भूल ही नहीं और 18 साल बाद आज उस सपने को पूरा कर दिखाया. आनी है बाड़मेर की हेमलता की. जो इस समय सब इंस्पेक्टर हेमलता जाखड़ के नाम से जानी जाती हैं तो चलिए आपको बताते हैं इनका यह सफर.
र्दी में पुलिस अफसर बनकर अपने गांव पहुंची हेमलता जाखड़ को देख सब लोगो का ख़ुशी का ठिकाना नहीं था, भाइयों ने कंधे पर बैठाकर पूरे गांव में घुमाया। हेमलता के लिए वो पल सबसे ख़ास थे जब वो अपने गावं पहुंची, महिलाओं ने मंगल गीत गाकर उनका स्वागत किया गया। किसान पिता ने बेटी को साफा पहनाया तो थानेदार बेटी ने पुलिस की टोपी अपनी मां को पहना दी।
मीडिया से बात करते हुए थानेदार हेमलता ने बताया कि किसान परिवार की बेटी हूं। जीवन में उतार-चढ़ाव देखे हैं। मेरे परिवार में पहली गवर्नमेंट जॉब हासिल करने वाली भी मैं पहली लड़की हूं। सरणू चिमनजी गांव दुर्गाराम जाखड़ के घर जन्मी हेमलता जाखड़ का 7 जुलाई 2021 को एसआई पद पर चयन हो गया था। इसके बाद 9 जुलाई को राजस्थान पुलिस एकेडमी जयपुर में उन्होनी जॉइन किया।
बचपन में देखे गए सपनों को हर बार लोग महज मजाक समझ लेते हैं। थानेदार हेमलता के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उनके घरवालों ने सिर्फ 17 साल की उम्र में उनकी शादी कर दी, 21 साल की उम्र में वह मां बन गई थी। हालांकि मां बनने के बाद भी अपने सपनें को पूरा करने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की। सबसे पहले आंगनवाड़ी एक्टिविस्ट बनकर बच्ची को पालने के साथ-साथ ग्रेजुएशन की। करीब 8 साल तक महज 3500 रुपए की नौकरी की। लोगों से कर्ज लेकर पढ़ाई की। रिश्तेदारों से ताने सुने। घरवाले-ससुराल वाले चारदीवारी में कैद करना चाहते थे, लेकिन मन में जिस वर्दी से हेमलता को 8 की उम्र में प्यार हुआ, उसे 18 साल बाद पाकर ही दम लिया।