संघ लोक सेवा आयोग, UPSC हर साल सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है और कई उम्मीदवार इसके लिए उपस्थित होते हैं। क्रैक करने के लिए कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली, यहां यूपीएससी आईएएस टॉपर अनु कुमारी की कहानी है, जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए अपने बेटे से दो साल तक नहीं मिलीं। अनु कुमारी फिलहाल केरल कैडर में पोस्टेड हैं।
अनु कुमारी सोनीपत, हरियाणा की रहने वाली हैं, जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से भौतिकी में बीएससी में स्नातक किया और आईएमटी, नागपुर से वित्त और विपणन में स्नातकोत्तर पूरा किया। उसने नौकरी भी हासिल की और आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को आगे बढ़ाने का फैसला करने के बाद छोड़ दिया। अनु कुमारी ने साल 2012 में शादी की और गुड़गांव में स्थानांतरित हो गई।
सिविल सेवा परीक्षा में उसका पहला प्रयास 2016 में हुआ था और वह 1 अंक से हार गई और परीक्षा में असफल रही। उसका एक बेटा भी था जो काफी छोटा था। उसे खुद के लिए तैयारी करना और उसकी देखभाल करना भी मुश्किल लगता था इसलिए उसने अपने बेटे को उसकी माँ के घर भेज दिया और दो साल तक अपने बेटे से नहीं मिली। यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करने के लिए उनके निरंतर प्रयास और समर्पण का भुगतान किया और उन्हें अखिल भारतीय रैंक में दूसरा स्थान हासिल करने के लिए प्रेरित किया। उसने वर्ष 2017 में अपने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की।
अनु कुमारी की सफलता की कहानी सभी उम्मीदवारों को परीक्षा देने की इच्छा रखने की प्रेरणा देती है और सभी को कभी हार न मानने और कड़ी मेहनत करते रहने की प्रेरणा देती है। UPSC IAS टॉपर अनु कुमारी फिलहाल केरल कैडर में हैं।अन्नु का घर जहां था, वहां का माहौल थोड़ा गांव का था। गांव की औरतें बच्चे को छोड़कर आना बहुत बुरा मानती थी. कई बार अन्नु के मुंह पर कहती थी, कैसी मां है, जो इतने छोटे बच्चे को छोड़ दिया। अन्नु जो खुद बच्चे से दूर रहकर दुखी थी, इन बातों से और टूट जाती थी। मन में यह डर भी लगातार चलता था कि कहीं चयन नहीं हुआ तो क्या करेंगी क्योंकि सबकुछ दांव पर लगा था, परिवार, बच्चा, शादी और नौकरी, जो पहले ही जा चुकी थी।
अन्नु ने जब पहली बार परीक्षा दी तो केवल डेढ़ महीने का समय था उन्होंने दिन-रात एक कर दिया पर चयन नहीं हुआ हांलाकि उनका बेस अच्छा तैयार हो गया। अन्नु ने सेल्फ स्टडी के बल पर साल 2017 में यूपीएससी परीक्षा दूसरे अटेम्पट में पास कर ली। अन्नु की तपस्या का आलम यह था कि प्री, मेन्स यहां तक की साक्षात्कार देने के बाद ही वे वियान के पास वापस लौटी। एक मां के तौर पर उनके संर्घष को कोई नहीं समझ सकता।