अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है। मंदिर का निर्माण तेज गति के साथ किया जा रहा है। दिसंबर 2023 में मंदिर के प्रथम चरण का कार्य पूरा हो जाएगा और जनवरी 2024 यानी मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त पर भगवान राम अपने भव्य गर्भगृह में विराजमान होकर दिव्य दर्शन देंगे।
मंदिर निर्माण की प्रगति को लेकर हर राम भक्त लालायित रहते हैं। हर राम भक्तों के अंदर यह इच्छा होती है कि आखिर कितना बनकर तैयार हुआ मेरे प्रभु का भव्य मंदिर।
इसके लिए समय-समय पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय मंदिर निर्माण की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हैं। लेकिन आज हम आपको राम मंदिर निर्माण से जुड़ी ऐसी तस्वीर से रू-ब-रू कराएंगे जिसे आज तक आपने नहीं देखा होगा।
भगवान रामलला के मंदिर में चौखट बाजू संगमरमर के लगाए जा रहे हैं, जिसकी पहली एक्सक्लूसिव तस्वीर हमारे पास है। संगमरमर के मंदिर के दरवाजे और खिड़कियों के चौखट बाजू होंगे तो रामलला के बहुप्रतीक्षित मंदिर में महाराष्ट्र की टिक यानी कि सागौन का इस्तेमाल किया जाएगा। मंदिर में संगमरमर की चौखट बाजू की जो तस्वीरें सामने आई है वह बेहद खूबसूरत हैं।
भगवान रामलला के मंदिर के भूतल यानी कि गर्भगृह समेत प्रथम तल का निर्माण कार्य लगभग 75% पूरा हो चुका है। जून माह से रामलला के मंदिर के भूतल की छत लगाए जाने का काम शुरू होगा।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का मंदिर अब आकार लेता दिखाई दे रहा है। मंदिर के प्रथम फेज का कार्य लगभग 75 फ़ीसदी पूरा हो चुका है। इतना ही नहीं 167 खंभे मंदिर में लगाए जाएंगे। मई और जून में भगवान राम के छत का निर्माण भी प्रारंभ हो जाएगा।
मंदिर निर्माण के पहले रामलला के आकार लेते हुए मंदिर की तस्वीरें लगातार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अधिकृत वेबसाइट और ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के द्वारा सोशल मीडिया पर जारी की जा रही है।
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर को नागर शैली में बनाया जा रहा है। जिसमें नागर शैली में मंदिर में लगाए जा रहे। बंसी पहाड़पुर के पत्थरों पर नक्काशी भी की जा रही है।
मंदिर परिसर में ही परकोटे का निर्माण किया जा रहा है। जहां भगवान राम के कुलदेवता के मंदिर बनाए जाएंगे इसके अलावा परकोटे में भगवान राम के जीवन पर आधारित प्रसंगों का भी चित्रण किया जाएगा जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगा।
भगवान राम लला के मंदिर का गर्भगृह अष्ट कोणीय होगा। मंदिर निर्माण के लिए समय सीमा तय की गई है। दिसंबर 2023 तक मंदिर निर्माण की तिथि तय की गई थी।
बाद में ट्रस्ट की बैठक के बाद सितंबर तक मंदिर निर्माण की समय सीमा तय कर दी गई। मंदिर निर्माण की प्रगति संतोषजनक है। जिसका समय समय पर ट्रस्ट के द्वारा वीडियो फोटो जारी करके जानकारी दी जाती है।