देश का सबसे बड़ा दिल्ली बड़ोदरा मुंबई ग्रीन एक्सप्रेसवे कई मायनों में सबसे अलग है। इस एक्सप्रेस वे पर आप अपने फोर व्हीलर को 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चला सकते हैं। यही नहीं इस एक्सप्रेस वे पर इतनी स्पीड में चलने वाले वाहनों के बीच की दूरी सामान्य एक्सप्रेस वे की तुलना में चार गुना ज्यादा रखी गई है। यानी हाई स्पीड में चलने वाले वाहनों के बीच ढाई सौ मीटर की दूरी होना जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देश के सबसे लंबे इस ग्रीन एक्सप्रेस वे के पहले चरण दिल्ली से दौसा के बीच का शुभारंभ होने के बाद अब इस पर वाहन फर्राटा भर सकेंगे ।
अमर उजाला डॉट कॉम ने सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के पहले चरण में पूरे हुए दौसा से दिल्ली एक्सप्रेसवे पर रात में सफर किया। जयपुर से दिल्ली के पुराने हाईवे पर रात के वक्त लगने वाले भीषण जाम से यह एक्सप्रेस वे न सिर्फ निजात दिलाता है, बल्कि साढ़े तीन घंटे में घंटे जयपुर से गुड़गांव का सफर भी तय कराता है।
अभी तक देश में सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के तौर पर आगरा से लखनऊ और फिर लखनऊ से आजमगढ़ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को माना जाता रहा है, लेकिन दिल्ली से मुंबई के बीच बना ग्रीन एक्सप्रेस वे न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया का सबसे अनोखा एक्सप्रेसवे कहा जा रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि 300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी वाला एक्सप्रेसवे अब तक का सबसे ज्यादा ग्रीन एक्सप्रेसवे होगा, क्योंकि एक्सप्रेस वे के दोनों सड़कों के बीच की जगह में वृक्षारोपण किया गया है। एक्सप्रेसवे पर चार पहिया वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है, जबकि यही रफ्तार आगरा एक्सप्रेस वे पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की ही है।
चूंकि इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। यही वजह है कि दो वाहनों के बीच की दूरी को भी सामान्य एक्सप्रेस वे की तुलना से 4 गुना ज्यादा बढ़ाकर ढाई सौ मीटर कर दिया गया है। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे की तुलना यमुना एक्सप्रेस वे या आगरा एक्सप्रेस वे से करें तो वहां पर दो वाहनों के बीच की दूरी 70 मीटर ही तय है। एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक वाहनों की तेज रफ्तार के कारण ही दो वाहनों के बीच की दूरी ढाई सौ मीटर रखी गई है।
इस एक्सप्रेस वे पर दौसा से दिल्ली के 247 किलोमीटर के बीच में तकरीबन 50 किलोमीटर के बीच में एक स्टॉपेज भी दिया गया है। जहां पर सफर करने वाले रुक कर आराम भी कर सकते हैं और साथ में रहने का बंदोबस्त भी है। रेस्ट रूम्स के अलावा ईटिंग जॉइंट्स मॉडर्न तरीके से तैयार किए गए हैं। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे की तुलना अगर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से करते हैं तो आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर 100 किलोमीटर यात्रियों के लिए रुकने का बंदोबस्त है, जबकि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर यह दूरी कम की गई है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि दरअसल दिल्ली से मुंबई के बीच में ज्यादा दूरी के चलते लोगों के ठहरने और रुकने के बेहतर बंदोबस्त किए गए हैं।
पहले चरण के इस एक्सप्रेस वे जो कि दिल्ली से दौसा तक जुड़ता है रात के वक्त पूरी तरीके से किसी बड़े शहर की भांति चमचमाता भी है। इस एक्सप्रेस वे पर पहले चरण में लगी लाइटें आगरा एक्सप्रेस वे पर लगी लाइटों से पूरी तरीके से अलग है। आगरा एक्सप्रेस वे पर लगी हुई लाइटें सड़कों की ओर झुकी हुई है, जबकि दिल्ली मुंबई के इस एक्सप्रेस वे पर इससे अलग तरह की सीधी लाइटें हैं। इस एक्सप्रेस वे पर रिफ्लेक्टर्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, रात के वक्त चलते समय सुरक्षा के लिहाज से यह सबसे बेहतर उपाय होता है। अधिकारियों के मुताबिक, एलिवेटेड एक्सप्रेसवे होने के चलते दोनों ओर से फेंसिंग तो की ही गई है, बल्कि ग्रीन कॉरिडोर का एरिया डेवलप है, उसको भी पूरी तरीके से बंद किया गया है, ताकि किसी तरीके के जानवरों का एक्सप्रेस-वे पर आना जाना ना हो सके।
फिलहाल पहले चरण में तैयार हुए इस एक्सप्रेसवे की सबसे खूबसूरती पहाड़ियों से घिरा हुआ होना है। दिल्ली से दौसा के बीच 247 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस वे में राजस्थान की पहाड़ियां इसको घेरकर और सुंदर बनाती है। नॉर्थ इंडिया में अभी तक पहाड़ियों से घिरे हुए एक्सप्रेस वे में फिलहाल कोई भी एक्सप्रेसवे नहीं था। एनएचआई से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग जरूर पहाड़ियों से घिरे हुए हैं लेकिन कोई भी एक्सप्रेस वे अब तक फिलहाल नॉर्थ इंडिया में इतना खूबसूरत नहीं बना हुआ था।
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे की सबसे खासियत यह भी है कि जिन राज्यों से होकर गुजरेगा, वहां के ट्रेडिशनल खानपान की व्यवस्था भी एक्सप्रेसवे के किनारे बने रेस्ट स्टेशंस में उपलब्ध होगी। फिलहाल पहले चरण में दिल्ली से दौसा के बीच में बने सभी सभी रेस्ट स्टेशंस का लुक और डिजाइन राजस्थान और हरियाणा के ट्रेडिशनल स्ट्रक्चर की तरह किया गया है। यहां पर राजस्थानी और हरियाणवी खान-पान के अलावा दोनों राज्यों की मिली-जुली संस्कृति भी इन रेस्ट स्टेशंस पर देखने को मिलेगी।
इस एक्सप्रेस वे के पहले चरण में बने इन रेस्ट स्टेशंस का लुक आगरा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे की तुलना में बिल्कुल अलग। कई एकड़ में फैले ये रेस्ट स्टेशन मे बहुमंजिला इमारत फिलहाल नहीं बनी हैं। रेस्ट रूम, लॉजिंग और ईटिंग जॉइंट्स को खूबसूरत डिजाइन के साथ सिंगल स्टोरी के तौर पर ही फिलहाल डेवलप किया गया है।